टीचर्स ट्रेनिंग कैंप के लिए एक करोड़ रुपए में खरीदी थीं 1000 बायोमीट्रिक मशीनें, गायब

शिक्षा विभाग की ओर से एक करोड़ की लागत से खरीदी गईं एक हजार बायोमीट्रिक मशीनों में से अधिकांश का अता-पता ही नहीं है। दो साल पहले आवासीय प्रशिक्षण शिविरों में रात के समय शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) की ओर से यह मशीनें खरीदी गई थीं।


अब प्रदेश में प्रशिक्षण शिविरों को आवासीय की बजाय गैर आवासीय कर दिया गया। इसलिए शिविरों में इन मशीनों की उपयोगिता खत्म हो गई है। विभाग ने 19 जुलाई 2017 को इन मशीनों को जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालयों में लगाने का आदेश भी दिया था, लेकिन अभी तक यह मशीनें इन कार्यालयों में पहुंची ही नहीं है।


कई डाइटों ने यह मशीनें ब्लॉक कार्यालयों में वितरित कर दीं। इसके बाद डाइटों ने इन मशीनों की सुध लेना तक उचित नहीं समझा और अधिकांश मशीनें गायब हैं। दो साल पहले प्रदेश के 301 ब्लॉकों में 1000 से अधिक स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुए थे। हर शिविर के लिए एक बायोमीट्रिक मशीन खरीदी गई थी, जिसकी कीमत 8 से 10 हजार रुपए थी। 


शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा- शिक्षण प्रशिक्षण शिविरों के लिए डाइटों के जरिए दो साल पहले बायोमीट्रिक मशीनें खरीदी गई थी। सभी डाइटों से इन मशीनों की जानकारी एकत्रित की जाएगी कि वे कहां कहां काम आ रही है। मशीनें अगर बेकार बड़ी है तो इनकों कार्यालयों में लगाकर इनका समुचित उपयोग किया जाएगा। 


राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा- आवासीय शिविरों को अब गैर आवासीय कर दिया गया है तो इन मशीनों का उपयोग शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में किया जा सकता है। इससे इन कार्यालयों में रोजाना चक्कर काटने वाले हजारों शिक्षक-कर्मचारियों और आम लोगों को कर्मचारी सीट पर मिलेंगे और उनको राहत मिलेगी।Image result for biometric