पिंडवाड़ा थाना क्षेत्र के पंकज सुथार हत्याकांड का 19 दिन बाद मंगलवार को खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक के पिता प्रवीण कुमार समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। जोधपुर रेंज के आईजी सचिन मित्तल व एसपी कल्याणमल मीणा ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पंकज हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि प्रवीण कुमार ने ही 1 लाख 25 हजार रुपए की सुपारी देकर बेटे की हत्या कराई। रुपए लेकर कांतिलाल माली समेत चारों आरोपियों ने पंकज (24) की हत्या कर उसका शव जला दिया।
बेटे की करतूतों से परेशान था प्रवीण
पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रवीण अपने बेटे की कारगुजारियों से परेशान था। बिगड़ैल बेटे को सुधारने की उसकी सारी कोशिशें विफल रहीं तो वह इसके लिए कथित तांत्रिक व भोपा के पास गया था। उसने कोई उपाय बताने के बजाय यह कह दिया था कि वह तुम्हारी औलाद ही नहीं है। इससे प्रवीण के मन में बेटे के खिलाफ और ज्यादा नफरत हो गई। उसने कथित तांत्रिक से अपने बेटे की हत्या करने को कहा, लेकिन उसने इंकार कर दिया। इसके बाद उसने बेटे की हत्या कराने के लिए किराये के गुंडे लिए। पिंडवाड़ा पुलिस ने आरोपी पिता प्रवीण कुमार सुथार के साथ सुपारी लेकर हत्या करने वाले कांतिलाल माली, पप्पूराम गरासिया, शंभुराम गरासिया और नोकराराम गरासिया को भी गिरफ्तार किया है। दूसरी ओर विधायक संयम लोढ़ा गत सोमवार को विधानसभा में पंकज हत्याकांड के खुलासे को लेकर प्रदर्शन किया था।
हत्यारे से कहा- यदि मेरा बेटा बच गया तो मुझे मरवा देगा
आरोपी प्रवीण गत 18 जनवरी को पंकज को बाइक पर बैठाकर जनापुर चौराहे और बाद में बंद पड़े पुराने हाइवे पर लेकर गया, जहां से उसे जीप में बैठाया। बीच रास्ते में पिता खुद रास्ते में उतर गया और 50 हजार रुपए कांतिलाल को थमा कर बोला की यह बचना नहीं चाहिए। उसने कांतिलाल को कहा कि यदि मेरा बेटा बच गया तो वह मुझे मरवा देगा। इतना ही नहीं, हत्या के बाद भी आरोपी पिता इन आरोपियों के संपर्क में था। पंकज के पिता ने थाना में रिपोर्ट दी तथा शव मिलने के बाद हर घटना से दूर रहता रहा। पंकज का शव मिलने के बाद जब शव को पोस्टमार्टम के लिए लाए तो अस्पताल तक नहीं आया। इसके बाद शहरवासियों ने करीब 3 बार पुलिस थाना में धरना-प्रदर्शन किया तो वह लोगाें के साथ नहीं रहा।
पुलिस ने खंगाले 10 लाख मोबाइल
पंकज हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की आईटी टीम ने करीब 10 लाख से अधिक मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। यह भी सामने आया कि प्रवीण ने पुत्र की हत्या करवाने के लिए आरोपियों काे करीब 1 लाख 25 हजार रुपए की सुपारी दी थी। उसने हत्या से पूर्व करीब 50 हजार रुपए दे चुका था, वहीं हत्या के बाद प्रवीण ने आरोपितों को 25 हजार रुपए अलग से दिए थे।
इस तरह से पंकज की हत्या को लेकर बनाई रणनीति और बाद में गला घोंटकर की हत्या
1 18 जनवरी 2020 को पंकज के पिता प्रवीण सुथार से मिला और पंकज की हत्या करने के लिए 1 लाख 25 हजा रुपए की सुपारी दी। इसके लिए पप्पूराम, शंभुराम व नोकाराम को भी इसमें शामिल किया।
2. 21 जनवरी को पंकज शाम 6:30 बजे निजी ट्रेवल्स बस से जनापुर चौराहा उतरा। पंकज के बस से उतरने के बाद उसे पिता प्रवीण ने अपनी बाइक पर बैठाया। वहां से बंद पडे पुराने हाईवे पर सुनसान जगह पर ले गया और सभी लोगों को बुलाया।
3 पंकज को जीप में बैठा उदयपुर हाइवे की तरफ रवाना हुए। वहां गमछे से गला घोंट मार दिया। फिर मालेरा के पास से गुजर रामेश्वरजी की ओर जाने वाले रास्ते से रोहिड़ा के सिंगाफली- वालोरियों की तरफ पहुंच गाड़ी में रखे पेट्रोल से शव जला कर फरार हो गए।