विश्व विख्यात मरु महोत्सव का समापन रविवार को सम के लहरदार रेतीले धोरों पर माघ पूर्णिमा की धवल चांदनी के नीचे भव्य लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शानदार आतिशबाजी के साथ हुआ। महोत्सव के चौथे व अंतिम दिन 851 लोक कलाकारों ने पहली बार एक साथ एक मंच पर प्रस्तुति देकर रिकॉर्ड कायम कर दिया।
राजस्थानी माटी की सौंधी महक बिखेरने पर इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड के भानुप्रतापसिंह ने इस अद्भूत रिकॉर्ड का संकलन किया। इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड ने इस रिकॉर्ड को ‘मैग्जीमम पीपल प्लेइंग म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट इन सेंड ड्यूंस’ का नाम दिया है। इसमें 24 प्रकार के वाद्य यंत्रों व 75 गायकाें के साथ 851 कलाकारों ने पहली बार एक मंच साझा किया। इससे पहले इतनी संख्या में व इतने वाद्ययंत्रों का एक साथ प्रदर्शन कहीं भी नहीं किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने मंच किया साझा
यहां कई कलाकार ऐसे थे जो कई देशों में अपनी हुनर का लोहा मनवा चुके हैं। इसमें हाल ही में पद्मश्री की घोषणा हुई अनवर खान बईया के साथ ही महेशाराम मेघवाल व गाजी खान बरना देश विदेश में राजस्थानी लोक संस्कृति की धुन बिखेर चुके हैं। इन्होंने फ्रांस, पेरिस, अमेरिका, स्वीडन, इटली व हालैंड सहित करीब 70 से ज्यादा देशाें में अपनी धाक जमाई है। महोत्सव के चौथे दिन पहली बार सभी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों ने पहली बार एक ही मंच पर प्रस्तुति दी है
रिचा शर्मा ने झूमने पर किया मजबूर
महोत्सव के समापन पर शाम को बॉलीवुड फेम रिचा शर्मा ने गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रिचा शर्मा ने गीतों से सैलानियों की शाम को शानदार बना दिया। समापन समारोह पर शानदार रंग बिरंगी आतिशबाजी की गई जिसका दर्शकों ने लुत्फ उठाया। विभिन्न गांवों से आए कलाकारों ने चौथे दिन एक साथ मंच साझा किया। इसमें कमलेश मेघवाल बरमसर, अजीज खान मोकला, दंगल फेम सरताज व सरवर, फिरोज खान, दरे खान, खेते खान हमीरा, बक्स खान गुणसार, इंडियन आइडल फेम सतार खान बाड़मेर, शेरू खान, कोक स्टूडियों में अलगोजा वादक शेरू खान, बिस्मिला खान कनोई, पारसमल माली गैर बलोतरा, सुरमंडल वादक का एकमात्र परिवार चांदन खान, बेरसी खान कनोई थे।